TERMINOLOGY OF SHARE MARKET
शेयर बाजार शब्दावली
TERMINOLOGY OF SHARE MARKET टर्मिनोलॉजी ऑफ शेयर मार्केट पढ़ने के बाद
आपको आसानी से शेयर मार्केट से संबंधित सभी प्रक्रिया आसानी से समझ में आने लगेगी
करेक्शन :
शेयर मार्किट के यह शब्द बहुत प्रचलित है |
जब शेयर मार्किट में बहुत तेजी के बाद प्रॉफिट बुकिंग होती है
या बाजार में गिरावट देखने को मिलती है तो कहा जाता है कि बाजार में करेक्शन है |
कॉर्पोरेट एक्शन :
जब किसी कंपनी द्वारा कंपनी से सम्बंधित कोई निर्णय लिया जाता है
तो उसे कॉर्पोरेट एक्शन कहा जाता है |
जैसे- बोनस शेयर, राइट इशू, डिविडेंड इत्यादि |
कॉन्ट्रैक्ट नोट :
जब आप शेयर बाजार में कोई भी ट्रांजेक्शन करते हैं
तो ब्रोकर आपको एक कॉन्ट्रैक्ट नोट देता है
जिसमें आपके सौदे का विवरण होता है |
जैसे- सौदा किस कीमत पर हुआ है,
सौदे की तारीख, समय, ब्रोकरेज,
सौदे पर लगने वाले अन्य चार्जेज इत्यादि का उल्लेख कॉन्ट्रैक्ट नोट में होता है |
सर्किट ब्रेकर:
सर्किट ब्रेकर का उपयोग इंडेक्स या शेयर में एक दिन में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के किया जाता है |
निफ्टी :
यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक यानि इंडेक्स है |
निफ्टी 50 शेयरों पर आधारित है
इसलिए इसे निफ्टी फिफ्टी की नाम से भी जाना जाता है |CORONA – A DANGEROUS ATTACK
सेंसेक्स :
यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है |
सेंसेक्स में बीएसई के 30 अग्रणीय शेयर सम्मलित होते है |
Bonus Share:
कई बार कंपनी को Profit होने के बाद वह Dividend जारी नहीं करती है
बल्कि कंपनी के ही कुछ Share शेयर धारको में बांट देती है
लाभांश के बदले में जो Extra Share शेयर धारको में बांटे जाते है
उन्हें Bonus Share कहते है।
TERMINOLOGY OF SHARE MARKET
Stock Split: जब कोई Company अपने Share को तोड़कर उसे कई हिस्सों में विभाजित कर देती है
उसे Stock Split कहते है
उदाहरण के लिए मान लीजिए कोई शेयर है
जिसकी कीमत 100 रुपये है
और जिस कंपनी का वह शेयर है
वह उसे 4 हिस्सों में तोड़कर 25-25 रुपये के 4 शेयर बना देती है
इसी को ही स्टॉक स्प्लिट कहते है
Bid Price:
Bid Price किसी Share की वह Price है
जिस पर कोई भी Buyer उस शेयर को खरीदने के लिए तैयार बैठा हो।
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Ask Price:
Ask Priceकिसी Share कीवह Price है जिस पर कोई भी Seller उस शेयर को बेचने के लिए तैयार बैठा हो।
Spread:
Bid Price और Ask Price के बीच के अंतर को स्प्रेड कहते है।
Stop loss:
स्टॉप लॉस किसी शेयर का वह Price Point होता है
जहां पर कोई Trader या Investor अपना Loss Book करके शेयर से निकलने के लिए
तैयार बैठे हो।
शेयर मार्केट में Loss को कंट्रोल करने के लिए StopLoss लगाया जाता है।
Target:
टारगेट किसी शेयर का वह Price Point होता है
जहां पर कोई ट्रेडर या इन्वेस्टरअपना Profit Book करके Share से Exit करने के लिए
तैयार बैठे हो।
Volume:
किसी कंपनी के शेयर में एक निश्चित समय अंतराल में 1 दिन, 1 महीना, 1 साल में कुल कितने शेयर्स की खरीदी और बिक्री की गयी उसे Volume कहते है।
TERMINOLOGY OF SHARE MARKET
Volatile:
Shares के Price में जो Movement होता है
उसे Volatility से नापते है
अगर स्टॉक के प्राइस में कम मूवमेंट होती है
तो मार्किट कम Volatile है
और अगर स्टॉक के Price में ज्यादा Movement होती है
तो मार्केट ज्यादा Volatile है।
Buy/Long:
स्टॉक मार्किट में जब हम किसी Stock को Buy करते है
तो उसे Buy करना या Long करना कहते है।
Sell/Short:
स्टॉक मार्किट में जब हम किसी Stock को Sell करते है
तो उसे Sell करना या Short करना कहते है।
Broker:
ब्रोकर Buyers और Sellers को मिलाने का काम करता है
Broker के Platform का उपयोग करके खरीदने वाला स्टॉक्स खरीद पाता है
और बेचने वाला स्टॉक्स को बेच पाता है।
Stock Exchange:
स्टॉक एक्सचेंज वह जगह है जहां सभी कंपनिया Listed होती है
सभी स्टॉक ब्रोकर Stock Exchange के Member होते है।
Trading Account:
Stocks को Buy और Sell करने के लिए Trading Account जरूरी होता है
ट्रेडिंग अकाउंट को किसी ब्रोकर के पास Open कराया जाता है।
Demat Account:
(भारत में डिजिटल रूप में वित्तीय प्रतिभूतियों (financial securities) को रखने और शेयर बाजार में शेयरों का व्यापार करने के लिए डीमैट खाता एक आवश्यक खाता है। )
ख़रीदे हुये Shares को रखने के लिए Demate Account जरूरी होता है
डीमेटअकाउंट को किसी ब्रोकर के पास Open कराया जाता है।
SEBI (Securities and Exchange Board of India):
सेबी एक Government संस्था है
जो Stock मार्किट को Regulate (CONTROL) करती है।
Margin:
मार्जिन एक तरह का उधार होता है
जो स्टॉक ब्रोकर प्रोवाइड करता है
Margin का उपयोग कर शेयर को ख़रीदा और बेचा जाता है।
Scalping Trading:
शेयर को खरीद कर कुछ सेकेंड्स से लेकर कुछ मिनट तक रखकर बेच देना Scalping Trading कहलाता है।
Intraday Trading:
किसी शेयर को खरीद कर एक दिन के अंदर या मार्किट बंद होने से पहले बेच देना
इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है।
BTST (Buy Today Sell Tomorrow) Trading:
शेयर को आज खरीद कर कल बेच देना BTST कहलाता है।
Swing Trading:
किसी शेयर को आज खरीद कर एक हफ्ते से लेकर एक महीना या दो महीने के अंदर बेच
देना स्विंग ट्रेडिंग कहते है।
Positional Trading:
Position Trading में किसी Share को कुछ महीनो से लेकर 1 साल के अंदर बेच दिया जाता है
जिसे Positional Trading कहते है।
SIKH RELIGION – IMPORTANT FACTS
Indicator:
शेयर्स के प्राइस की चाल को समझने के लिए मार्किट में बहुत सारे प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर आते है जिसे इंडिकेटर कहते है।
Investing:निवेश
1 साल से लंबे समय के लिए किसी शेयर को Buy करके रखना ओर जब अच्छा प्रॉफिट हो
रहा हो तो उसे Sell कर देना Investing कहलाता है।
Mutual Fund:म्यूचुअल फंड:
एक ऐसा फंड है
जिसमे बहुत सारे लोग थोड़ा – थोड़ा कर पैसा डालते है
और एक Expert जिसे बाजार की समझ हो उस पैसे को शेयर बाजार में निवेश (Invest) करता है
Forex Market:
वह मार्किट है जहां Currency जैसे: रुपये, डॉलर,
पॉन्ड, यूरो को ख़रीदा और बेचा जाता है।
Commodity Market:
वह मार्केट है
जहा कमोडिटी जैसे: Gold, Silver, Crude oil इत्यादि को ख़रीदा और बेचा जाता है
बहुत सारे share एक से ज्यादा स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होते है
और कई बार उनकी कीमत में बहुत बड़ा अंतर आ जाता है
जिसका फायदा उठाकर ट्रेडिंग करना आर्बिट्राज कहलाता है।
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