
SIKH RELIGION – IMPORTANT FACTS
सिख धर्म – महत्वपूर्ण तथ्य
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक, का जन्म पाकिस्तान के लाहौर जिले के तलवंडी नामक गांव में हुआ । उन्होंने ही लंगर (गुरुद्वारों में सभी आगंतुकों के लिए भोजन उपलब्ध कराने की प्रणाली) की शुरुआत की थी । |
गुरुमुखी लिपि का आविष्कार गुरू अंगद ने किया था । |
गुरु रामदास को अमृतसर शहर की स्थापना का श्रेय दिया जाता है | |
गुरु अर्जुन देव को ‘गुरु ग्रंथ साहिब‘ का लेखक माना जाता है । उन्हे अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के निर्माण का श्रेय दिया जाता है । गुरु अर्जुन देव की मृत्यु मुगल सम्राट जहांगीर द्वारा किए गए अत्याचारों की वजह से हुई थी । |
गुरू तेग बहादुर की मृत्यु औरंगजेब के हुक्म से हुई थी । दिल्ली मे गुरुद्वारा शीशगंज उसी जगह पर स्थित है जहाँ पर गुरू तेग बहादुर शहीद हुए थे । |
गुरु गोबिंद सिंह, सिख धर्म के अंतिम गुरु थे । उन्होने खालसा पंथ की स्थापना की थी जिसके अनुसार सभी सिखों को कृपाण, कच्छा, केश, कड़ा तथा कंघा रखना अनिवार्य किया गया । |
गुरु गोबिंद सिंह का जन्म पटना (बिहार ) में हुआ था. |
उत्तराधिकार के क्रम में दस सिख गुरु, नानक, अंगद, अमरदास, रामदास, अर्जुन, हरागोविंद, हरराय, हरकिशन, तेग बहादुर और गोबिंद सिंह हैं । |
RISE OF BUDDHISM
सिख धर्म के गुरुओं के जन्म स्थान व वर्ष
नाम |
जन्म स्थान |
मृत्यु का स्थान |
गुरु नानक देव (1469 to 1539) |
ननकाना साहिब पंजाब (पाकिस्तान) |
करतारपुर साहिब (पाकिस्तान) |
गुरु अंगद देव (1504 to 1552) |
मुक्तसर (पंजाब) |
खडुर साहिब, अमृतसर |
गुरु अमर दास (1479 to 1574) |
अमृतसर (पंजाब) |
गोइंदवाल साहिब, पंजाब |
गुरु राम दास (1534 to 1581) |
लाहौर, (पाकिस्तान) |
गोइंदवाल, पंजाब |
गुरु अर्जुन देव (1563 to 1606) |
गोइंदवाल, (पंजाब) |
लाहौर, पाकिस्तान |
गुरु हरगोविंद (1595 to 1644) |
अमृतसर (पंजाब) |
किरतपुर साहिब (पंजाब) |
गुरु हर राय (1630 to 1661) |
किरतपुर साहिब (पंजाब) |
किरतपुर साहिब (पंजाब) |
गुरु हर क्रिशन (1656 to 1664) |
किरतपुर साहिब (पंजाब) |
दिल्ली |
गुरु तेग बहादुर (1621 to 1675) |
अमृतसर (पंजाब) |
दिल्ली |
गुरु गोबिंद सिंह (1666 to 1708) |
पटना (बिहार) |
हजूर साहिब, नांदेड़ (महाराष्ट्र) |
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