AYODHYA ISSUE: BASIS OF COURT’S DECISION

अयोध्या विवाद

AYODHYA ISSUE

ASI के प्रमाण क्या हैं, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने फैसले का आधार बनाया?

एएसआई की रिपोर्ट

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर जांच के लिए विवादित स्थल की खुदाई की.

 

विवादित अयोध्या स्थल पर दो बार खुदाई हुई,

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पहली बार साल 1976-77 में और फिर साल 2003 में.

 

कोर्ट के आदेश पर साल 2003 में विवादित स्थल पर कराई गई

 

खोदाई में मिले भग्नावशेषों (wreckage) से मंदिर के दावे को बल मिला था.

 

 

कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण कराया था.

 

 

यह काम टोजो विकास इंटरनेशनल नाम की कंपनी ने किया था.

 

 

अदालत ने इस रिपोर्ट पर मुकदमे के पक्षकारों की राय सुनने के बाद मार्च 2003 में सिविल प्रोसीजर कोड के तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को आदेश दिया था.

 

 

एएसआई ने अगस्त 2003 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ को 574 पृष्ठों की एक रिपोर्ट सौंपी थी.

 

 

अयोध्या में क्या-क्या मिला था एएसआई को

  • एएसआई की खोदाई में 13वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक के अवशेष मिले हैं.

 

 

          उनमें इतिहास के कुषाण, शुंग काल से लेकर गुप्त और               प्रारंभिक मध्य युग तक के अवशेष हैं.

 

 

  • प्रारंभिक मध्य युग 11-12वीं शताब्दी की 50 मीटर उत्तर-दक्षिण इमारत का ढांचा मिला है.

 

       इसके ऊपर एक और विशाल इमारत का ढांचा है, जिसकी           फर्श तीन बार में बनी.

 

 

  • एएसआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस इमारत के खंडहरों के ऊपर 16वीं शताब्दी में विवादित ढांचा (मस्जिद) बनाया गया था.

 

 

  • एएसआई ने अपनी खुदाई में 50 खंभे पाए

 

        जो विवादित ढांचे (मस्जिद) के गुम्बद के ठीक नीचे स्थित है.

 

  • एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि उन्हें अन्य युगों के खंडहर भी मिले हैं.

 

 

      ये खंडहर बौद्ध या जैन मंदिरों के खंडहर हो सकते हैं.

 

 

  • रिपोर्ट में चारों कोनों पर मूर्तियों के साथ स्तंभ और साथ ही अरबी भाषा में पत्थर पर पवित्र छंद के शिलालेख का भी उल्लेख दिया गया है.

 

 

  • एएसआई की रिपोर्ट पर उत्खनन से प्राप्त निशान के आधार पर कहा गया है कि तीन गुंबदों वाली बाबरी संरचना के नीचे पहले से एक संरचना मौजूद थी.

 

बाबरी मस्जिद को प्रथम मुग़ल सम्राट बाबर के आदेश पर  मीर बाकी ने 1527 में निर्माण कराया था

 

और मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा।

स्थान अयोध्या, भारत
स्थापित निर्माण -1527
विध्वंस – 6 दिसंबर 1992
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वास्तु शैली तुग़लकी
गुम्बद 3

 

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